
खोल बैठूं जो शिकायतों
का पिटारा किसी रोज़,,
गुम हो जायेंगे जनाब
यहां सबके होश
मैं सही तू गलत का शुरू
हो जाएगा सिलसिला,,
उफान पर आ जाएगा
दबे जज़्बातों का जलजला
Read More! Earn More! Learn More!
खोल बैठूं जो शिकायतों
का पिटारा किसी रोज़,,
गुम हो जायेंगे जनाब
यहां सबके होश
मैं सही तू गलत का शुरू
हो जाएगा सिलसिला,,
उफान पर आ जाएगा
दबे जज़्बातों का जलजला
Read More! Earn More! Learn More!