ठहर ठहर के ही सही
मगर बढ़ते रहिए
ज़िंदगी के मसलों से
उभरते रहिए
गिर गिर कर ही सही
मगर चलते रहिए
रोज़मर्रा की उलझनों से
निपटते रहिए
बिखर बिखर कर ह
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ठहर ठहर के ही सही
मगर बढ़ते रहिए
ज़िंदगी के मसलों से
उभरते रहिए
गिर गिर कर ही सही
मगर चलते रहिए
रोज़मर्रा की उलझनों से
निपटते रहिए
बिखर बिखर कर ह