![सबसे किनारा's image](/images/post_og.png)
बोला जिसने जो भी
सबकुछ हँस कर सह गए
फिर भी कुछ रिश्ते
दंभ के बोझ से ढह गए
दुखाया जिसने दिल
उसको भी माफ़ किया
रखा न द्वेष किसी से
ख़ुद को इतना पाक किया
समझा जो
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बोला जिसने जो भी
सबकुछ हँस कर सह गए
फिर भी कुछ रिश्ते
दंभ के बोझ से ढह गए
दुखाया जिसने दिल
उसको भी माफ़ किया
रखा न द्वेष किसी से
ख़ुद को इतना पाक किया
समझा जो