लफ़्ज़ों की बनावट का
यहां हर शख़्स दीवाना है
नादान सा जहन
सादगी से बेगाना है
तेरे मुंह पर तेरी
मेरे मुंह पर मेरी
इसी चतुराई का ज़माना है
झूठ से रूबरू
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लफ़्ज़ों की बनावट का
यहां हर शख़्स दीवाना है
नादान सा जहन
सादगी से बेगाना है
तेरे मुंह पर तेरी
मेरे मुंह पर मेरी
इसी चतुराई का ज़माना है
झूठ से रूबरू