![क्यों हरपल उलझते हो's image](/images/post_og.png)
जो मिला है उसकी परवाह नहीं
जो मिला नहीं उसकी
तलाश क्यों करते हो
खामखां की कश्मकश में
क्यों हरपल उलझते हो
जो चाहते हैं उनकी क़दर नहीं
मगर गैरों की तवज्जो को तरसते हो
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जो मिला है उसकी परवाह नहीं
जो मिला नहीं उसकी
तलाश क्यों करते हो
खामखां की कश्मकश में
क्यों हरपल उलझते हो
जो चाहते हैं उनकी क़दर नहीं
मगर गैरों की तवज्जो को तरसते हो