गूंज उठा सन्नाटा दिल का
मच गया शोर गज़ब का
ऐसा तार यादों ने छेड़ा
लग गया एहसासों का डेरा
मचल उठी ख़ामोश निगाहें
थिरक उठी जब पलकें
लफ़्ज़ों के खुल गए
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गूंज उठा सन्नाटा दिल का
मच गया शोर गज़ब का
ऐसा तार यादों ने छेड़ा
लग गया एहसासों का डेरा
मचल उठी ख़ामोश निगाहें
थिरक उठी जब पलकें
लफ़्ज़ों के खुल गए