![दिल सिकुड़ रहें हैं's image](/images/post_og.png)
बढ़ रहें हैं शहर
दिल सिकुड़ रहें हैं
तरक्की की दौड़ में
ईमान फिसल रहें हैं
जीत की होड़ में
अपने अपनों से
बिछड़ रहें हैं
दिख
Read More! Earn More! Learn More!
बढ़ रहें हैं शहर
दिल सिकुड़ रहें हैं
तरक्की की दौड़ में
ईमान फिसल रहें हैं
जीत की होड़ में
अपने अपनों से
बिछड़ रहें हैं
दिख