भूले कहाँ भुलाते हैं
बीते किस्से और कहानी
हकीकतों का बोझ ढोते ढोते
बीत जाती है यूं ही जिंदगानी
रह जाती है आँखों में
जज़्बातों की निशानी
ज़िम्मेदारियाँ उड़ा ल
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भूले कहाँ भुलाते हैं
बीते किस्से और कहानी
हकीकतों का बोझ ढोते ढोते
बीत जाती है यूं ही जिंदगानी
रह जाती है आँखों में
जज़्बातों की निशानी
ज़िम्मेदारियाँ उड़ा ल