![नादान परिंदा's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40rohitdhawal9917/None/1640574553904_27-12-2021_08-39-15-AM.png)
खुले आसमान में
आजादी से खूब उड़ा हूँ:– मैं
दुश्मनों को मजे चखाने को
खूब लड़ा हूँ:– मैं
जिंदगी के नाजुक मोड़ पर आकर
थम गया हूँ:– मैं ,
लोग मुझे कमज़ोर समझने लगे
आजादी से खूब उड़ा हूँ:– मैं
दुश्मनों को मजे चखाने को
खूब लड़ा हूँ:– मैं
जिंदगी के नाजुक मोड़ पर आकर
थम गया हूँ:– मैं ,
लोग मुझे कमज़ोर समझने लगे
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