नि:स्वार्थ सेवा का हृदय में भाव हो,
समाज में अपनत्व और अनुराग हो I
महत्वाकांक्षा का ना कोई तनाव हो,
सद्भावना का जग में ना आभाव हो I
प्रेम, एकत्व और विश्वास बेहिसाब हो,
दृष्टि में आदर, और नीयत साफ़ हो I
विश्व भर में बुलंद सच की आवाज़ हो,
झूठ और प्रपंच का पर्दा सदा फाश हो I
अन्तःकरण हो शुद्ध, और मन साफ़ हो,
शान्तिपूर्ण हो सह-अस्तित्व, मन में&
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