
दीवानगी
राकेश की क़लम से
दीवानगी में इश्क़ की
ये मक़ाम तो आना था
तुम्हें पाने की आरज़ू में
खुद को भूल जाना था
तमन्नाओं के शहर में
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दीवानगी
राकेश की क़लम से
दीवानगी में इश्क़ की
ये मक़ाम तो आना था
तुम्हें पाने की आरज़ू में
खुद को भूल जाना था
तमन्नाओं के शहर में