
उड़ान तो अभी भरी हैं,
शिखर पर पहुँचना अभी बाकी हैं।
तमन्नाओं को पंख लगा,
नीले गगन को छूना अभी बाकी हैं।
हौसले तो बुलंद हैं,
उन्हें आकार देना अभी बाकी हैं।
सपनें तो संजो ल
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उड़ान तो अभी भरी हैं,
शिखर पर पहुँचना अभी बाकी हैं।
तमन्नाओं को पंख लगा,
नीले गगन को छूना अभी बाकी हैं।
हौसले तो बुलंद हैं,
उन्हें आकार देना अभी बाकी हैं।
सपनें तो संजो ल