
लौटकर के अगर आप आते नहीं
इस कदर हम कभी मुस्कुराते नहीं
शाइरी भी मुकम्मल न होती कभी
उस घड़ी आप ही गर रुलाते नहीं
हौसला टूटने का न होता अगर
रेत पे घर कभी हम बनाते नहीं
आप दिल मे
Read More! Earn More! Learn More!
लौटकर के अगर आप आते नहीं
इस कदर हम कभी मुस्कुराते नहीं
शाइरी भी मुकम्मल न होती कभी
उस घड़ी आप ही गर रुलाते नहीं
हौसला टूटने का न होता अगर
रेत पे घर कभी हम बनाते नहीं
आप दिल मे