तुमसें शुरु तुम पर ख़त्म, ये इश्क़ मेरा जेहादी सा है,
मिलने को तो हम भी मिल लें किसी और हसीना से ,
पर क्या करें ये दिल तेरा आदि सा हैं ,
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मिलने को तो हम भी मिल लें किसी और हसीना से ,
पर क्या करें ये दिल तेरा आदि सा हैं ,