
ज़न्नत की हूरों की ख़ातिर क्यों जन्नत को बर्बाद किया,
पहलगाम की खुबसूरत वादी को क्यों तुमने शमशान किया ,
नए जीवन की सपने संजोकर कोई यहाँ पर आया था ,
कोई अपनी यादों में खूबसूरती भरने जीवनसाथी को लाया था,
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पहलगाम की खुबसूरत वादी को क्यों तुमने शमशान किया ,
नए जीवन की सपने संजोकर कोई यहाँ पर आया था ,
कोई अपनी यादों में खूबसूरती भरने जीवनसाथी को लाया था,