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हिंदी दिवस

जब भी हमने हिंदी के विकास का उत्साह खुद में जगाया,
हमारा दोस्त अंग्रेजी के साथ चखना ले आया,
जो उत्साह हममें जागा था वो कहीं खो गया,
मैं अंग्रेजी लगाकर वही सो गया,
हिंदी के विकास को कभी और आगे बढ़ाएंँगे,
अभी मदहोश है कल तक होश में आएंँगे,
ओके,डार्लिंग,स्वीटी,जानू बस यही रह गया,
आज की प्रेमिकाओं के लिए प्रेमी सिर्फ क्यूट बेबी बनकर रह गया,
पहले के आशिक इजहार में लम्बी-लम्बी कविताएंँ सुनाते थे,
बड़े-बड़े शायरों की शायरी से लुभाते थे,
आजकल के आशिकों को तो अंग्रेजी बुखार है, 
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