आगमन's image
किसी रोज तुम आना तो ऐसे , 
जैसे बरसों से तरसते रेगिस्तान पर बारिश का मेहर आया हो । 
जैसे घंटों के तूफान के बाद सुकून आया है । 
Read More! Earn More! Learn More!