Beti ka baap's image

वो दरवाजे पे खड़ी मुस्कुरा रही थी

चिड़ियों को देख खिलखिला रही थी

तभी मां ने पीछे से उसको गोद में उठाया

और वह जोर से चिल्लाई "पापा ओ पापा"

"देखो ना! माँ मुझे खेलने नहीं दे रही"

और अचानक से मेरी नींद खुल गई

घडी में सुबह के 9 बज रहे हैं

अरे! मुझे तो देर हो गई.. आज तो बॉस पक्का काम से निकलेगा

मेरा ये रोज का सपना मुझे देश से निकलेगा

कल मन की बात उसको बोलूंगा

मुझे अब बेटी का बाप बनना है

उसकी तोतली आवाजों से मुझे पापा सुनना है

हर रोज सोचता हूँ आज बोलूंगा और हर रोज डर जाता हूँ

क्या करूँ, अजीब उलझन है.. दोनों की!

उसे एक ही बच्चा रखना है और मुझे अपना सपना सच करना है और उसे अपना करना है

ये कैसी औरत है भगवान! जिसे सिर्फ बेटा ही र

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