मेरे घर अख़बार आता है's image
102K

मेरे घर अख़बार आता है

मेरे घर सुर्ख अख़बार आता है,

खून से लतपत,

उसका हर सफ़हा भीगा रहता है लहू से,

सफ़हे पलटते-पलटते मेरे हाथों पर सुर्ख रंग चढ़ जाता है,

हजार बार धोने पर भी नहीं उतरता।

इस कदर चढ़े रहते है, गिला-ओ-शिकवे,

कभी निंदा करता है किसी की तो कभी ताने देता है,

रोजनामा

Read More! Earn More! Learn More!