
ज़िंदगी के चित्र-पटल पर
भावनाओं के गहरे रंगों से
ममता, स्नेह, प्रेम व त्याग के
कई आयामों से सजी हुई
समर्पण के कई रूपों की
जीवंत जो चित्रकारी है
हमारी भारतीय नारी है
नारी है मान पौरुष का
खिलौना नहीं ये चंद हाथों का
इन्हें स्पर्धा द्वेष की चीज़ न मानें हम
न समझें कि बस एक काया है
भारत की कई बेटियों ने
ख़ूब परचम लहराया है
कहीं मीरा की अनुपम भक्ति है
कहीं सीता की मर्यादा है
कई तारीख़ें भी गवाह बनीं
जब वीरांगनाओं ने तलवार उठाया है
है गर्व हमें रज़िया पर
लक्ष्मीबाई पर नाज़ है
अंतरिक्ष के पटल पर
कल्पना, सुनीता का कमाल है
सियासत की गलियों में
"प्रतिभा" की मिसाल है
लता आशा सी सुर-देवी से
विरासत-ए-संगीत निहाल
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