न क़ाबिल-ए-माफ़ी है
ऐ काल, तेरी ये ख़ता
ले गया तू साथ क्यूँ अपने
हम सबकी प्यारी
भारत रत्न, स्वर कोकिला
सुर की देवी "लता"
..................................................
कल, एक सरस्वती की आरती गाई
आज, एक सरस्वती की अश्रुपूर्ण विदाई
.........................................................
कण-कण है आज ग़मज़दा
सदियों में जलती है ऐसी चिता
........................................................
ख़ामोश हो
Read More! Earn More! Learn More!