
गीत हैं निःशब्द
साज़ बे-आवाज़
राग है गुमसुम
सरगम है मायूस
स्वर है उदास
महफ़िलें हैं सूनी
लय में नहीं ताल
धुन है बेहोश
संगीत है ख़ामोश
हर मंच है निराश
हे माँ ! सरस्वती
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गीत हैं निःशब्द
साज़ बे-आवाज़
राग है गुमसुम
सरगम है मायूस
स्वर है उदास
महफ़िलें हैं सूनी
लय में नहीं ताल
धुन है बेहोश
संगीत है ख़ामोश
हर मंच है निराश
हे माँ ! सरस्वती