दिल संभल जा ज़रा's image
103K

दिल संभल जा ज़रा

टूट गया ना तेरा भ्रम !

क्या हुई मुक़म्मल आरज़ू !

"समझेंगे, मुझको समझने वाले"

अक्सर यही कहता था तू

अरे नादाँ ! ज़रा संभल

हक़ीक़त से हो रू-ब-रू

होती है झूठे ख़्

Tag: poetry और3 अन्य
Read More! Earn More! Learn More!