लगी हो दिलों में जब ऐसी अगन
दूरियों का एहसास, जैसे कोई चुभन
गर्म आहें बेचैन, तेज़ होती धड़कन
इक हो जाने की तड़प और लगन
हो कितना भी चाहे, बेक़रार मन
लेकिन, मिलन से पहले
है ला
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लगी हो दिलों में जब ऐसी अगन
दूरियों का एहसास, जैसे कोई चुभन
गर्म आहें बेचैन, तेज़ होती धड़कन
इक हो जाने की तड़प और लगन
हो कितना भी चाहे, बेक़रार मन
लेकिन, मिलन से पहले
है ला