किसी की चाहत किसी के
इन्तज़ार में,
थे कितने इत्मीनान से किसी के
मयार में।
वक़्त ने ज़रा सी करवट क्या ली,
रकीब हमसे पुछ बैठे
मियां ये तो बताओ क्या इतन
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किसी की चाहत किसी के
इन्तज़ार में,
थे कितने इत्मीनान से किसी के
मयार में।
वक़्त ने ज़रा सी करवट क्या ली,
रकीब हमसे पुछ बैठे
मियां ये तो बताओ क्या इतन