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कुछ बेहतर हुआ !
मेरे ऑफिस से लौटते समय टैक्सी स्टैंड पर एक व्यक्ति मज़बूर दिखा, मैंने उसे कुछ पैसे ऑफर किये पर वो लेने से मना कर दिया | वो बोला काम के बदले पैसे लूंगा, भीख देने वाले बहुत मिलते हैं अकाल तो काम देने वालों का है |
मुझे अचानक कुछ अच्छा सुझा और उसको बोला मेरा घर 2 किमी दूर है चलो मेरा लैपटॉप बैग पंहुचा दो वो तैयार हो गया |
हम दोनों पैदल घर पहुंचे और मैंने उसे 2 सौ रुपये दिए | उसके चेहरे पर स्वाभिमान
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