अगर निराशा हो बहुत हो जाये तो,
निराशा में से नीर को बहा देना फिर आशा बच जाएगी |
दुनिया के तरफ देखोगे तो दुःख संभव है,
स्वयं को देखना शुरू करो सुख आएगा |
परित्याग की सोचोगे तभी प्रेम आएगा,
नफा नुकसान तो नफ़रत को जन्म देते हैं |
सफलता सिर्फ सोंच से सुनिश्चित होती है,
अस
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