
है तू ही आखिरी ख्वाहिश, तू ही पहली मोहब्बत है
बिना तेरे तो अब जीना, लगे जैसे क़यामत है
बसी है तू मेरे दिल में, कि जैसे हो कोई आयत
इबादत है इबादत है, तू अब मेरी इबादत है
ख़ुशी तेरे कदम चूमे, दुआ मेरी है ये दिल से
छोड़ कर जा रहा हूँ मैं, तेरी आबाद महफिल से
शकल मनहूस ये अपनी, तुझे न फिर दिखाऊंगा
तेरे खुशहाल जीवन में, कभी वापस ना आऊँगा
गिला ना ह
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