एक बेटी माँ की दुलारी,
जैसे बगिया माली को प्यारी;
एक चुटकी सिंदूर पुरे परिवार पे भारी,
हे विधाता कैसी ये रीत तुम्हारी।
आया घोड़ी चढ एक राजकुमार,
ले गया प्यारी बिटिया और फुलो के गुलदस्ते;
किया कन्यादान पिता ने,
बेटी चली पिया संघ ससुराल के रास्ते।
एक
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