चन्द लम्हों में जो सिमट जाए,
वह सच्चा प्यार नहीं हो सकता,
तुम्हें पाने में सदियां ही क्यों न बीत जाए,
जब इज़हार किया है तो, इनकार नहीं हो सकता।
तेरी खूबसूरत आंखें किस काम क
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चन्द लम्हों में जो सिमट जाए,
वह सच्चा प्यार नहीं हो सकता,
तुम्हें पाने में सदियां ही क्यों न बीत जाए,
जब इज़हार किया है तो, इनकार नहीं हो सकता।
तेरी खूबसूरत आंखें किस काम क