सावन सा इंतज़ार है मेरा,
भादों सा करू तुमसे प्यार,
क्यों हो तुम, दूर मुझसे,
एक बार फिर मिलो तो जरा।
तुम हो मेघ तो,
मैं भी हूँ धरा,
बरसों, फ़िर एक बार,
कर दो मन को हरा ।
ये बरसात, ये रात,
ये दिल, ये जज्बात,
इस भीं
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