वक़्त की सरहदों के किनारों पे
लम्हों के कुछ यादों के जो साये हैं
हल्का हल्का दर्द भी और मलाल भी ले आएं हैं
बस ये वक़्त आखिरी है
चलो खुद को अब तो टटोलते हैं
क
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वक़्त की सरहदों के किनारों पे
लम्हों के कुछ यादों के जो साये हैं
हल्का हल्का दर्द भी और मलाल भी ले आएं हैं
बस ये वक़्त आखिरी है
चलो खुद को अब तो टटोलते हैं
क