
कुछ लफ्ज़ अभी भी गुमनाम से हैं
मुयस्सर नहीं काग़ज़ पे उतरना उन्हें
न कोई इश्क़, न एहसास है उनमें अभी
सर-बस्ता कोरे और साफ़ हैं अभ
Read More! Earn More! Learn More!
कुछ लफ्ज़ अभी भी गुमनाम से हैं
मुयस्सर नहीं काग़ज़ पे उतरना उन्हें
न कोई इश्क़, न एहसास है उनमें अभी
सर-बस्ता कोरे और साफ़ हैं अभ