तुम's image

आजकल खुली किताब सी है जिंदगी,

अक्षर भी तुम हो और कहानी भी तुम।


पन्नों पर बिखरी स्याही सी है जिंदगी,

गीले से जज़्बात भी तुम और सुखी सी चाहत भी तुम।


कहकहों की बातों सी है जिंदगी,

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