आज न छेडूं कोई भी तराना ये दिल नाशाद है मेरा
आज न माने कोई भी बहाना ये दिल नाशाद है मेरा
खोले हैं पन्ने कई से जिनमें ख़ुशबू हैं बहुत सी
आज न महके किसी से भी ये दिल नाशाद है मेरा
ये धीमे से सिसकता है हल्की सी आहें भी भरता है
फिर भी ये ज़
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