
तेरे ख़्वाब भी मुझे महकाने लगे हैं
दिल की धड़कनों को ये बढ़ाने लगे हैं
यारों से ज़रा दूरी बना ली है हमने
अब हम तनहा ही मुस्कुराने लगे हैं
मिल जाए तू गर घर से निकलते ही
ये सोच ग़
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तेरे ख़्वाब भी मुझे महकाने लगे हैं
दिल की धड़कनों को ये बढ़ाने लगे हैं
यारों से ज़रा दूरी बना ली है हमने
अब हम तनहा ही मुस्कुराने लगे हैं
मिल जाए तू गर घर से निकलते ही
ये सोच ग़