ना चाहत चाँद की ना आसमान चाहिए
मुझे तो जहां में बस तुम्हारा साथ चाहिए
तुम कहो अगर तो मैं बन जाऊं बस ये नदी
लेकिन मुझे दरियाओं सा ही प्यार चाहिए
मेरे दिन की हर सुबहा हो बस इक तुम से ही
साथ जो तुम्हार
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ना चाहत चाँद की ना आसमान चाहिए
मुझे तो जहां में बस तुम्हारा साथ चाहिए
तुम कहो अगर तो मैं बन जाऊं बस ये नदी
लेकिन मुझे दरियाओं सा ही प्यार चाहिए
मेरे दिन की हर सुबहा हो बस इक तुम से ही
साथ जो तुम्हार