
मोहब्बत का अंजाम ये होना ही था
तुझसे दिल जो लगाया तो रोना ही था
हल्की सी आहट पे भी टूटता है अब
अब इसे ख़ूनीं-जिगर होना ही था
बाँधा जो इश्क़ के नाम पे तूने मुझको
दिल के परिं
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मोहब्बत का अंजाम ये होना ही था
तुझसे दिल जो लगाया तो रोना ही था
हल्की सी आहट पे भी टूटता है अब
अब इसे ख़ूनीं-जिगर होना ही था
बाँधा जो इश्क़ के नाम पे तूने मुझको
दिल के परिं