मन से है's image

चढ़ तू अपनी मंज़िलों पे निडर
ये सफलता असफलता मन से है
नहीं हारा तू तब तक ये सफर
गर जीत का जज़्बा मन से है

इन पर्वतों को चीरती नदी
का हर इक प्रहार मन से है
क्यूँ

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