
ख़ुशी के रास्ते में उसका शहर आता है
जबीं लगे जहाँ भी मुझे वो नज़र आता है
बना लिया है इक घर रग-ओ-पै में उसने
अब वही वो मुझ में हर-सू नज़र आता है
बरस रही शबनम दर-ओ-दीवार से मेरे
ना ले के आफ़ताब उसकी ख़बर आता है
शदीद हो रही है उस में लम्स की ख़्वाहिश
हो ज़िन्दगी से जुदा व
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