खुला है आसमां मेरा मैं हर तारे पे डोलूँगी
बहुत हैं आरज़ू मेरी मैं इक इक को सँजो लूँगी
है सुन्दर ये जहां देखो मैं हर कोना टटोलूँगी
हैं
कितने रंग यहाँ देखो हर इक रंग से मैं खेलूँगी
क्यूँ गाऊँ गीत दुनियाँ के मैं अपने गीत बोलूँगी
क्यूँ डरन
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