
बढ़ रही दुश्मनी हर रोज लोगों में,
जाति पाति धर्म की है खोज लोगों में,
मानवता अब गुमनाम हो रही हर दिन,
घर कर रही है तेज़ कुंठित सोच लोगों में,
शुरू है धर्म पर लड़ना अभी तो जात बाकी है,
वर्ग और पंथ से करना दो दो हाथ बाकी है,
सहनशीलता घट रही औ बढ़ रहा ह
जाति पाति धर्म की है खोज लोगों में,
मानवता अब गुमनाम हो रही हर दिन,
घर कर रही है तेज़ कुंठित सोच लोगों में,
शुरू है धर्म पर लड़ना अभी तो जात बाकी है,
वर्ग और पंथ से करना दो दो हाथ बाकी है,
सहनशीलता घट रही औ बढ़ रहा ह
Read More! Earn More! Learn More!