
बातों के बीच आ जाती
असहज चुप्पियों में
प्रेम प्रस्ताव रखता हूँ मैं
तुम चुपचाप ही
सहजता से
उसे ठुकरा देती हो
हमेशा
______________________
गुल्लक बड़ी नाज़ुक होती है,
मज़बूत होता है
न तोड़ने का इरादा
महफूज़ रख
Read More! Earn More! Learn More!
बातों के बीच आ जाती
असहज चुप्पियों में
प्रेम प्रस्ताव रखता हूँ मैं
तुम चुपचाप ही
सहजता से
उसे ठुकरा देती हो
हमेशा
______________________
गुल्लक बड़ी नाज़ुक होती है,
मज़बूत होता है
न तोड़ने का इरादा
महफूज़ रख