
महा मिलन है,
महा तीर्थ है,
ये महा कुंभ है।
चार युगों से चला आ रहा
ये सनातन मेला
कल्पवृक्ष की छाँव में
अमृत बूंदी की बेला
मन का कुंभ,
तन का कुंभ,
बाहर भी कुंभ,
और भीतर कुंभ।
ये महा कुंभ है।
विष निकले,
तो ओंटे शिव,
अमृत ऋषि संतों पर बरसे।
ये पावन वो क्षण,
जिसको सारा जगत तरसे।
महा मिलन है,
महा तीर्थ है,
ये महा क
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