
तुम आग हो,
तुम्हें सुलगना नहीं,
जलना है।
ताप देना है
सारे जहाँ को।
घुट-घुट कर साँस लेना
तुम्हारी प्रकृति नहीं।
ऊर्जा हो तुम,
युवा।
तुम्हारे रक्त की उष्णत
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तुम आग हो,
तुम्हें सुलगना नहीं,
जलना है।
ताप देना है
सारे जहाँ को।
घुट-घुट कर साँस लेना
तुम्हारी प्रकृति नहीं।
ऊर्जा हो तुम,
युवा।
तुम्हारे रक्त की उष्णत