
जंगल के सियार
मुख्यमंत्री को
समझ आ रहा था
उसके ख़िलाफ़ रोष
और बग़ावत।
पिछली बार के चुनाव में
गाय वाला फ़ॉर्मूला चला था।
अब काठ की हांडी
बार-बार तो नहीं चढ़ेगी,
यह सियार समझता था।
सियार बड़ा चालाक था।
उसे साधना था
हाथी को, मोर को,
टाइगर को
और भेड़ को।
एक झुंड में रहने वाली,
एक क
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