कैद's image

नौटंकी के खेल मे इस दुनिया के जेल मे

कई कई कैदी अदभूत पाये

भेष भूषा रंग चुराये

सबमे इक ही मेल है पाये

कैद मे है फिर भी गुर्राये

हमसे ही जमाना है ,इस जग को चालना है

थोडा सिधा थोडा बाये ,क्या फर्क है मेरे भाई

हर कोई कैदी ये कैसा सच

"आई लव यु " तो बोला बस

कैद थोडा ही ये तो बंधन है

युगो युगो से ये क्रंदन है

ठोकर लागी तो पता ये पाई

कैदी है हम उसके भाई

त्याग दिया जिसपे घर बार

दुनिया जिसको कहती "प्यार"

वो भी तो इक जेल है

दो दिलो का खेल है

कोई नचाये कोई नाचे

अंत मे साधू बन के बाचे.....

 

कुछ कैदी ऐसे है भाई

मिनट लग नही गोता खाई 

अभी इधर अभी उधर

पता नही फिर किधर किधर

समझ न पाये किसके गुलाम है

आस पास सब परेशान है

टिकता ही नही ये इक ओर

गजब का ह

Read More! Earn More! Learn More!