दीवानगी's image

हम हो गए बदनाम ,पर इलज़ाम अभी बाकि है

गुज़री नहीं है शाम, जाम अभी बाकि है

नज़रे जो मिली फिर उनसे,पैगाम अभी बाकि है

मारे गए गुलफ़ाम, इंतकाम अभी बाकि है


मुनासिब कहाँ हो जाये हर हसरत यहाँ पूरी

ये बात हुई अब आम , बस गुमान अभी बाकि है

नज़रे न भटकती तो दिल भी बेचैन तो न होता 

समझते तो थे य

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