![तुम कहाँ हो माँ !'s image](/images/post_og.png)
चलते - चलते ,
तुझे ढूंढते-ढूंढते
थक चुका हूँ मैं !
तूने मुझे जहाँ फेंका होगा
उस जगह की है तलाश मुझे !
तुम कहाँ हो माँ ?
मैं तेरे प्यार की
बदनसीब निशानी हूँ
एक बेनाम जीवित कहानी हूँ
जानता हूँ मुझे फेंकते हुए
तू बहुत रोई होगी !
न जाने कितने दिन-रात&nb
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