नेता जी आये हैं
एक सुनिश्चित
काल-खण्ड में
अतिसुंदर –
मार्तण्ड-हाल में
ठहरे हैं ।
जनता से वो
मिलने निकले
जिंस जिस्म पर
गन लटकाये
फॉर्चुउनर से
नीचे उतरे ...
पान कचरते ,
पिच-पिच करते
गली-कूचों को
गन्दा करते।
धन्य हुआ
सौभाग्य हमारा
हमसे हाथ मिलाये हैं
नेता जी आये हैं ।
मुद्दों की क्या बात करें वो
भागे – भागे चलते हैं।
जन–भागों को–
जबड़ों में दाबे
पान सरीखे
कूँच-कूँच कर ,
जनता का रस
चूस-चूस कर
Read More! Earn More! Learn More!